शुभ प्रभात दोस्तो.............
चार पंक्ति आपके सम्मान में
*मुक्तक*
आज फिर संघर्ष करने की जरूरत है।
राष्ट्र हित में आज मरने की जरूरत है।।
मुश्किलों से जूझते भारत के जनजन में,
क्रान्ति का पैगाम भरने की जरूरत है।।
चार पंक्ति आपके सम्मान में
*मुक्तक*
राष्ट्र हित में आज मरने की जरूरत है।।
मुश्किलों से जूझते भारत के जनजन में,
क्रान्ति का पैगाम भरने की जरूरत है।।
No comments:
Post a Comment